Sunday, December 18, 2011

."ट्विंकल-ट्विंकल" मै तो "बड़ी" हो गई.......

कसम "कपकपाते" कोहरे की भाई साब....पूरा "बदन" सिकुड़ कर "चिदम्बरम" हो रहा है ! "हड्डियां" ना चाहते हुए भी "एक-दूसरे" से  "ऊलाला- ऊलाला" कर रही है !अगर "जेवर" माइनस कर दो तो हर "तीसरा" बंदा "बप्पी लाहिरी" नज़र आ रहा है ! "सच" कहूँ तो इस "कड़ाके" की ठंढ में सिर्फ "पोलिटिक्स" ही "गर्म" है ! "जिसे" देखो "वही" अपने अपने "रथ" पर "सवार" होकर "दूसरे" पर "हल्ला"  बोल रहा है ! "हैंडपंप" का "पानी" पी-पी कर "युवराज" ललकार रहे है कि "हाथी" "पैसे" खाता है तो "अगले" के "खिलाफ" तुरंत "लौटती डाक" से "स्विस" बैंक में "जमा" "कालेधन" की "सूची" नेट पर "पोस्ट" कर दी जाती है ! उधर "लागत" भी न "निकल" पाने पर अपनी "फसल" को "सड़क" पर "फेकने" कि "मजबूरी", "खुदरा" में "विदेशी निवेश" को "मंजूरी" की "वकालत" को बेवजह "बल" देती है ! पुरानी "कहावत" है "तापने" के लिए "गीली लकड़ी" "सुलगाने" से "गर्मी" भले ना मिले मगर "ठंढ" से "ध्यान" तो "हट" ही जाता है, देखिये ना बेचारे "आम आदमी" को "गिरते" हुए "रुपये" कि "कीमत" से नहीं बल्कि "गिरते" हुए "पारे" से "डर" लगता है,मगर "मुल्क" में चर्चा "ठंढ" नहीं "महंगाई" की  है ! क्या कीजियेगा अपनी तो "तबियत" ही "कुछ" ऐसी है,तभी तो "भारत-रत्न" मिलने से ज्यादा "किसे" मिले "चर्चा" इस पर होती है ! "भगवान्" जाने ये "साल" जाते-जाते "क्या" दे जायेगा......"जन-लोकपाल विधेयक" या एक और "अनशन"......यू नो "इंडिया अगेंस्ट करप्शन"....जिस "मुल्क" में "न्यूड फोटो सेशन" करने वाली "वीना मालिक" और "पोर्न एक्ट्रेस" "संनी लिओने" फल-फूल रही हो वहां काहे का "अगेंस्ट" और काहे का "करप्शन"... .हाँ "बेचारे" "सेंटा क्लाज़" ज़रूर "इंडिया" में अपनी "बेल" बजाने से "कतरा" रहे है क्योंकि  "अपनों" के "मोजो" में "रखने" के लिए "उनके" पास "गिफ्ट" के "नाम" पर "है" ही क्या...."देवानंद साहब"  की "गाइड", "भारत-भूषण" की "राम की जल-समाधि" या फिर "उन्नीस दिसंबर" को "शहीद" हुए "अशफाक उल्लाह" "बिस्मिल" और "रोशन सिंह" की यादें............और "आज" इन "सब" की "कीमत" "आप" भी "जानते" है और "हम" भी.....जाने  दीजिये बेवजह "आँखे" "गीली" करने से कोई "फायदा" नहीं.....ये "आज" की "डर्टी पिक्चर" है ..."गौर" से सुनिए तो... "नर्सरी राइम" बज रहा है ..."ट्विंकल-ट्विंकल" मै तो "बड़ी" हो गई.....              

Thursday, November 24, 2011

अपने "देसी ब्वायज" का कोई "मुकाबला" नहीं.....,

भाई साब "सच" कहूँ तो अपने "देसी ब्वायज" का कोई "मुकाबला" नहीं, खालिस  "मौलिक प्रतिभा" कूट-कूट कर भरी है ! देखा नहीं "फूलपुर" के "अंधेर नगरी" से "फुलप्रूफ" नहीं बल्कि ऐसा "फूल" बयान दिया कि पूरा "माहौल" "बिग-बॉस" हो गया ! जिसे देखो वही "यात्रा" रोक-रोक कर "प्रतिक्रिया" दे रहा है और "जो" नहीं दे रहा है वो "कैमरा" देखते ही "रोने" लग रहा है,अब वो चाहे "साप्ताहिक कार्य" हो या "आपका फरमान" ! "यू.पी. की दशा" हो या "96 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल" ...ये "आंसू" ही मेरे "दिल" की "जुबान" है........ एंड एज यूजुअल "आम आदमी" बेचारा "हमेशा" की तरह "लुटा-पिटा" "हताश" सोच रहा है कमबख्त "आंसू" भी अब "इलीट" हो गए है बिना "कैमरा" देखे "आते" ही नहीं है,"कैमरा" देखा नहीं की "जिसकी" देखो "उसकी" "आत्मा" "कुरते" के नीचे से "डाइव" मार कर "बाहर" जाती है और "आंसू" लगे "बहने".......यहाँ तक तो "ठीक" था भाई साब, मगर "खबर" पढ़ता हूँ की "ग्लोबल एम्प्लाई इंगेजमेंट इंडेक्स" ने अपने "सर्वे" मे पाया की "वफ़ादारी" में "भारतीय कर्मचारी" सबसे "आगे" है...... "शीतकालीन सत्र" से पहले ऐसा "सर्वे".......इसे कहते है कि "गाँव बसा नहीं,कुत्ते पहले रो दिए".....कसम से "तबियत" "भन्ना" गयी "अपनी"..."जी" में आया की "इसको" भी "कोर-कमेटी" में "भर्ती" करवा दूँ, क्या हुआ जो "अगले" ने "ब्लॉग" बंद कर दिया कम से कम "बयानों" पर "ना-इत्तफाकी" का "सिलसिला" तो "जारी" रहेगा,"बजता" रहे "बैकग्राउंड" में "गाना"..."ओये "राजू" प्यार मत करियो,"दिल" "टूट" जाता है....." मगर क्या करियेगा भाई साब, अपना "मुल्क" है ही ऐसा, "पेट्रोल" के "दाम" "आठ आने" बढे नहीं कि "सरकार" से "समर्थन" वापसी कि "धमकी", "हो-हल्ला","जनता से हमदर्दी का स्वांग" सब कुछ और "पौने दो रुपया" "कम" हुआ तो "कुछ नहीं",  सिर्फ "सन्नाटा"......! बाहर जितना भी "बीप" "बीप" करो, "घर" के "अन्दर" आते ही "पैर पकड़ कर माफ़ी मांगने" कि बात करने लगो, और अगला "वक़्त" आने पर "विचार" करने का "आश्वासन" दे दे बस "इतना" ही काफी है .... वैसे भी  "मोम" का "पुतला" अब सिर्फ "तुसाद" के "म्यूजियम" में ही नहीं "रालेगन" में भी "बनता" है !!! एनी वे "मौसम" बदल रहा है..."घना" "कोहरा" छाया है..."ठंढ" भी "बढ़" गयी है लेकिन इस बार "गर्मी" लाने के लिए "चौराहों" पर "अलाव" नहीं, "ड्राइंग-रूम" में "सनी लिओने" "उपस्थित" है ! "कमीने","रास्कल","डर्टी पिक्चर" "आज" के "दौर" का "सौन्दर्यशास्त्र" है ! अब "फूलों" कि "दुनिया" में "राधा-कृष्ण" कि "फूलों कि होली" भला "कोई" क्यों "देखेगा"...सुना है कि "यू.पी." के "चार" टुकड़े होने वाले है....ही ही ही जाने क्यों भाई साब एक "पुराना गानायाद रहा है...सुनाता हूँ ..मगर "संभल" कर "रिमिक्स वेर्जन" है.....अभी अभी किया है  ज़रा "गौर" से सुनियेगा....इस "दिल" के "टुकड़े" कई "थाउजेंट" हुए, वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा........वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा........वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा.......  

Monday, November 7, 2011

.."हँसब ठठाई,फुलाउब गाला" ....

वो क्या है भाई साब, कि अपने "मन" में कभी "फेमस" होने का "ख्याल" ही नहीं आया वर्ना "आप" तो जानते ही है कि इस "मुल्क"  में  जिसके भी "दिमाग" कि "कोठरी" में "जीरो पावर" का भी "बल्ब" जल रहा है उसे "फेमस" होते ज़रा भी "देर" नहीं लगती है ! यू नो "इधर" एक "बयान" जारी करो फिर "तड" से उससे "पलट" जाओ "बोले" तो "खंडन" कर दो बाकी का "काम" "मीडिया" संभाल लेगी....अब  आप बेवजह "काटजू" बनने कि "कोशिश" मत करिए ! देखा नहीं "एक्सपर्ट एडवाइस" में अगले ने "एक करोड़" "मीडिया मैन" की ही "एडवाइस" से जीते थे ! ये और "बात" है कि "इटली आया नहीं-फ़्रांस है नहीं" कहते कहते "पाँच करोड़" भी झटक लिए थे ! भाई साब,ये "स्पाट फिक्सिंग" नहीं "किस्मत" है ! जहाँ "लड़ाई" में "भ्रस्टाचार" पीछे रह जाता है और "कांग्रेस" आगे हो जाती है ! जिसे "देखो" वही कह रहा है "दाग अच्छे  है " ! "गोस्वामी जी" ने कहा भी है "हँसब ठठाई,फुलाउब गाला" बोले तो "धरब मौनव्रत,लिखब ब्लागा"...! अच्छा छोडिये भाई साब,बेवजह "petrol" के "दाम" बढ़ने पर "तिलमिलाने" से "कुछ" नहीं होगा ! "सौ करोड़" भारतीयों को  "अनदेखा" करके "डेढ़ सौ करोड़" कि भी "फिल्म" बनाओगे तो "फ्लॉप" होगी ही,देर से ही "सही" मगर ये "पब्लिक" है "सब" जानती है ! वैसे "आपने" क्या सोचा था "ग्यारह दिन" "आत्ममंथन" इस पर होगा कि "हिसार" में "हारी"  तो "कांग्रेस",मगर "जीता" कौन ?  आप भी भाई साब ना, "हद" करते है,अभी "यू.पी." बाकी है, जहाँ "चौथे" से "तीसरे" स्थान  पर आने  की  "कोशिश" में जुटी "कांग्रेस" को हराने का "मुकुट" पहनना अभी "बाकी" है और हाँ, "डोंट पॉइंट आउट" जो "जीते" है "वो"  "कैसे" है... पहले  भी "बता" चुका हूँ  कि "दाग अच्छे है"! सुना नहीं "मौनव्रत" के बाद भी "राजघाट" पर "सुर" धमकी वाले  ही थे..आपकी कसम कभी-कभी तो "कन्फूज" हो जाता हूँ कि "लड़ाई" भ्रष्टाचार" के "खिलाफ" है  या "कांग्रेस"  के......एनी वे  "संसद" का "शीतकालीन सत्र " भले न आया हो मगर "आम हिन्दुस्तानी" कि "जिंदगी" में तो "आ" चुका है ! कम्बल,शाल,स्वेटर,मफलर के साथ "मूंगफली" "टूंगते" हुए "गुनगुनी" धुप में हमेशा "भूपेंद्र साहब" कि आवाज़ में "गुलज़ार" के बोल सुनते थे .."जाड़ों" कि "नर्म धूप" में...दिल "ढूंढता" है फिर वही.....मगर ना जाने क्यों इस बार "कहीं कुछ" "कोटला" के "स्टेडियम" जैसा "खाली-खाली" लग रहा है....वो स्वछ,शांत,निर्मल "उत्तर-पूर्व" कि "आवाज़" जो हमारी "पहचान" थी..आज भी "धडकनों" कि "ताल" पर "गूंज" रही है....और "उथल-पुथल" से भरे "माहौल" में कुछ "पलों" का ही सही मगर "सुकून" दे जाती है.....दिल हूम-हूम करे,घबराये.....गुनगुनाते रहिये.....           

Tuesday, November 1, 2011

कोई "दीवाना" कहता है,कोई "पागल" समझता है...

कसम "कांग्रेस महासचिव" की भाई साब, क्या "रफ़्तार" और "रोमांच" है इन दिनों,"बुद्धा इंटरनेशनल  सर्किट" फेल...देखिये ना "दीपावली" भले ही बीत गयी हो मगर "धूम-धडाका" अभी तक जारी है ! "श्रीलाल शुक्ल" जी भले "हम लोगों" के बीच ना हो मगर "राग-दरबारी" जारी है ! "अन्ना" "बाबा" के बाद "श्री श्री".... ए,बी,सी का नया "व्याकरण"  पढाया जा रहा है ! "कमल-दल" के "प्रकाश" पुंज ने तो "बात"  डी तक पहुंचा दी है..."डी" मतलब "डफर"..."डर्टी"...."कलयुग" के "कुरुक्षेत्र" में "कृष्ण" ने "मौन व्रत" धारण किया हुआ है,"अर्जुन" "गांडीव" लहराने के बाद "नौ लाख" चुकाने को तैयार हो गए है..पार्श्व में "गीत" गूँज रहा है ...कोई "दीवाना" कहता है,कोई "पागल" समझता है..और "जनता" बेचारी "हमेशा" की तरह "द्रोपदी" बनी "हतप्रभ" खड़ी है !अब आप इस पूरे "प्रकरण" में ज़रा सा भी ना "परेशान" होइएगा क्योंकि ये वो "मुल्क" है जहाँ "सड़क दुर्घटनाओं" में सबसे ज्यादा लोग "मरते" है,वहां वो "फार्मूला-वन" की "रेस" करा सकता है ! "रियासतें" भले ही चली गयीं हो मगर "पटौदी" में नए "नवाब" की "ताजपोशी" हो जाती है ! "तुसाद" के "संग्रहालय" में "बेबो" "मोम" की हो जाती है ! "जी-वन" की सबसे ख़ास "दोस्त" का पति "ट्विट" करता है कि "दीपावली" पर "डेढ़ करोड़" की "आतिशबाजी" "फुस्स" हो गयी....मगर कहा ना कि परेशान ना होइए "कोर-कमेटी" भंग नहीं होगी ! "बदलाव" नहीं "विस्तार" होगा ! बकौल शायर "हज़ार बरस नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है,तब जाकर होता है  चमन में दीदावर पैदा.... लेकिन आज के दौर में तो "नर्गिस" का मतलब "7 अरब" होना है ! एनी वे ....सुना है की "अन्ना" अपना "मौन व्रत" तोड़ेंगे  और देश के "कुमारों" में ""विश्वास" जगाने के लिए "यात्रा" करेंगे ! अब आप आम "हिन्दुस्तानी" की तरह फ़ौरन कहोगे की..."गाँधी" के "सपनो" वाला "राम-राज्य" लाना है तो अपनी टीम के सदस्यों के भीतर "सर्वगुण संपन्न" और "निष्कलंक" होने के "अहंकार" को मारना होगा वर्ना "गैर-राजनीतिक" संगठन होने का "दावा" करने वाले भी अगर हर "आरोप" को "चरित्र  हनन की साजिश"  जैसे "राजनीतिक" जुमले से "नकारने" की कोशिश करेंगे तो "भ्रष्टाचार" को ख़त्म करने का सपना ही टूटेगा ! "वक़्त" आ गया है की "मुल्क" को सिर्फ "हाकी" के 'मैदान" पर "झगडे"की "खबर" ही ना बताई जाये बल्कि "ये" भी "बताया" जाये की "राष्ट्र-मंडल" के "महासचिव" के लिए "भारत" के "कमलेश शर्मा" के "नाम" का "प्रस्ताव' "पाकिस्तान" ने किया था और वो पुनः "निर्वाचित" भी हो गए ...मगर "सवाल" फिर वही...बताएगा कौन.......बकौल बशीर बद्र...वही ताज है,वही तख़्त है,वही ज़हर है,वही जाम है ! ये वही खुदा की ज़मीं है ये वही बुतों का निजाम है ! मेरे चराग सरे आँधियों ने बुझा दिए, मगर एक जुगनू हवाओं में, अभी रौशनी का इमाम है !!!!! आमीन!!!!!!      

 

Sunday, October 23, 2011

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं ना रह जाये"

कसम "जगमगाते"  चेहरों की भाई साब ! क्या "धमाकेदार" "वर्चुअल" दिवाली है इस बार ! जिसे देखो वही "इको फ्रेंडली" "धमाके" कर रहा है ! वो कहते है ना कि "कोई अंत नहीं है,.मुहब्बत के फ़साने का, सुनाता ही चला जा रहा है,जिसे जो "याद" आ रहा है" ! पटाखे,अनार,चरखी,फुलझड़ी "सब कुछ" तो है यहाँ पर...कोई "रामलीला मैदान" में जमा "चंदे" का "हिसाब" मांग रहा है तो कोई "कश्मीर" पर "बयान" दे रहा है ! वाह रे "मैग्सेसे" फूट डालने से पहले ही "करोड़ों" बच गए ! "अपनी-अपनी" "ढपली" पीटने कि "कोशिश" में "पानी" और "सपरेटा" अलग हो गए ! पुरानी कहावत है "कामयाबी" पा लेना "आसान" है मगर "पचाना" मुश्किल है ! "लक्ष्मीजी" की "सवारी" को "थ्री डी" "चश्मा" पहना देने से भी उसे "दिन" में "दिखाई" नहीं देगा ! कांग्रेस "हिसार" से नहीं "अमेठी" से जीतती है ! ये अलग बात है की "जनसेवा" के लिए "दोहरा" किराया वसूलना "जन-लोकपाल" के दायरे में नहीं आता है ! वैसे भी "नौ" दिन में "नौ" लाख चुकाना "आम आदमी" के "बस" की "बात" भी नहीं है ! वो जानता है की "लक्ष्मी पूजन" वो चाहे "नोयडा-पार्क" में करे या "तिहाड़-जेल" में, उसे तो "रालेगन-सिध्ही" के "प्रधान" की तरह "बैरंग" ही वापस आना है और "अगले" के "पैर" में "चप्पल" भी नहीं है जो "फेंक" कर "विरोध" तो जता ले ! वो तो "बेचारा" इसी में "खुश" है कि  बड़े-बड़े "ग्लैमरस" चेहरे रोज़ उससे "वोटर" बनने कि "अपील" कर रहे है ! "मल्टी-नेशनल" कम्पनियां उसीके लिए "टी.वी." "फ्रिज" "एल.सी.डी." "कार" "मोबाईल" पर विशेष "ऑफर" दे रहे है ! वो रात नौ बजे "मास्टर शेफ" के बनते "लज़ीज़ व्यंजन" को "देख-देख" कर "मुग्ध" है और हाँ इस बार दिवाली पर "आम आदमी" खाली हाथ नहीं है...अग्निवेश,रामदेव,दिग्विजय,किरण,प्रशांत,केजरीवाल,शरद पवार,प्रणव......एक से बढ़कर एक "पटाखे" है,बीच-बीच में अडवाणी "फुलझड़ी" भी है ..मै भी पी.एम्....अब आप प्लीज़ त्योहारों के इस "सेलिब्रेशन" में "मनहूस" टाइप कि "पंक्तियाँ" ना सुनाने लगिएगा कि ..."सृजन है अधुरा,अगर विश्व में किसी भी द्वार पर है उदासी ! मनुजता नहीं पूर्ण तब तक,जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी !चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही,भले ही दिवाली यहाँ रोज़ आये, जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं ना रह जाये" !!!! भूख,अभाव,गरीबी,लाचारी,महंगाई,आम आदमी,बेबसी..... "फारगेट इट"..."इफ यू कैन"....शुभ दीपावली !!!!!!!!!        

Friday, October 7, 2011

.."सोने" का "हिरण" लोगे,"सीता" का "हरण" होगा

 कसम करीना कपूर की भाई  साब, मनवा आजकल नई वाली "रा-वन" के  गाने  पर "मस्त" होकर "नाच" रहा है ...वांट  टू बी माई "छम्मक- छल्लो" ..... वजह बेहद साफ़ है ..."रावण" मर चुका है ! "पाक" के "विरुद्ध" "ओबामा" का बयान गया है ! चारों तरफ "रथयात्रा" "उपवास" का माहौल है ! "सड़कों" पर बैठ कर "आवारा" "पशु" यूँ "पगुरा" रहे है जैसे पुरानी "हिंदी" "फिल्मों" का "विलेन" बैठ कर "मुजरा" सुन रहा हो ! "आप" कितने भी बड़े "बादशाह" हो या "रंगनाथ" आरोप लगा नहीं की "मंत्रिमंडल" से बाहर....."कसम" से यही तो है असली "राम-राज्य" ! अब आप प्लीज "न्यूयार्क टाइम्स" टाइप की बातें मत करियेगा कि "सिविल-सोसाईटी" के सदस्यों के बीच "अहम्" का टकराव है ! अरे "कुछ" लोगों कि तो "आदत" ही होती है जो "गुजरात" में  "पुलिस अधिकारी" के साथ हो रहे "सुलूक" के खिलाफ भी "टीम अन्ना" कि तरफ देखते है ! अरे सब "हमीं" करेंगे तो तुमने "टोपी" क्यों पहनी थी...मै भी अन्ना....कम ऑन भाईसाब,लेट्स इन्जॉय,देखिये ना दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट (कम्पयूटर) "आकाश" लांच हो गया है अब ये अलग बात है कि "कांग्रेस" के खिलाफ "वोट" करने का "फरमान" भी जारी हो गया है ! अब आप अपनी "मनहूस" अक्ल "ऑटो" वालों कि तरह मत "दौड़ाइयेगा" कि सिर्फ "कांग्रेस" ही क्यों ..."यूपीए" क्यों नहीं...सपा,बसपा,राजग भी तो "बाहर" से "समर्थन" दे रहे है और वो भी "विरोध" में है ! भाई साब "अगले" ने "पहले" ही कह दिया है कि "हम" "गैर-राजनीतिक" है,वैसे भी "सूत्र वाक्य" भी दे दिया है  जितना "सहोगे" उतना "बेहतर' करोगे ! सुना नहीं आपने "पाँच" लोगों में "फूट" डालने के लिए "करोड़ों" "खर्च" किये जा रहे है ! समझ में आया कुछ...."सुपर बग" सिर्फ "आईसीयू" में ही नहीं पाए जाते है ! सीजन 5 में "शक्ति कपूर" बनकर इतराने से कुछ नहीं होगा ! "चर्चा" में रहना  है तो अपनी-अपनी "टीआरपी" बढ़ने के लिए "फंसी" कि "सजा" पर "सियासत" करते रहो ...मगर जो करो जल्दी करो वर्ना "लंका" में "रावण" मार कर "रामजी" "अयोध्या" वापस आने वाले है ! "इतिहास" फिर अपने को "दोहराएगा" ! "सीता" को "गृह-त्याग" "लव-कुश" को "वनवास", "राम को विछोह" और "जनता" को "वेदना" सहनी ही है....मगर उससे पहले "राम-राज्य" तो "इन्जॉय" कर लीजिये भले ही "रीमिक्स" तरीके से लेकिन "याद" रहे "ओरिजनल" तो "ओरिजनल" ही रहेगा ....हर "धर्म" कि "रामायण" "युगों-युगों" से कहती है,"सोने" का "हिरण" लोगे तो "सीता" का "हरण" होगा ! विजयदशमी कि मंगलकामनाएं  !!!                  

Sunday, October 2, 2011

ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ,सबको सम्मति दे भगवान् !!!!

 उस दिन "साबरमती" के किनारे "मुन्नाभाई" और "सर्किट" शांत बैठे थे ! तभी सर्किट बोला " भाई काहे को "इंग्लैंड" के दौरे से लौटी "लुटी-पिटी" टीम "इंडिया" की तरह मुहं लटकाए बैठेला है ! देख तो बाप "मुल्क" में चारो तरफ "रौनक" छायेली है ! "फार्मूला वन" की "रेस","चैम्पियंस लीग" में "चौके-छक्कों" की "बरसात","गरबा-डंडिया" की "धूम"  ! "गुजरात" से लेकर "रामलीला मैदान"  "उपवास" का ही बोलबाला है ! सच्ची बोलूं तो अपुन के लाइफ में फर्स्ट टाइम पब्लिक दो अक्टूबर के पहलेइश्च  "बापू" को "याद" कर रहेली है,तेरी तो निकल पड़ी रे मामू ....मुन्ना भाई भड़क गए " साले तेरे को "मस्तिष्क ज्वर" हो जाये और तेरा इलाज सरकारी अस्पताल में हो ! मनहूस कितनी बार बोला है की बेवजह "दिग्विजय" मत बना कर ! लम्बी-लम्बी फेकेंगा तो "सचिन" की तरह "जिंदगी" के "वन-डे" में तेरा भी "फार्मूला" "फेल" हो जायेगा ! अपुन का टेंशन इस बार "हाई इस्टैंडर्ड" का है !पता है सर्किट "गाँधी" के नाम में तो एक "जी" था लेकिन ये साला "2 जी" क्या बला है " नो आईडिया" ! सर्किट हंसा "भाई  "2 जी" बोले तो  अपनी "ऐश" को "जुड़वाँ" होने को है ना "सिंपल" ...वैसे एक बात बोलूं भाई, आप "बिग-बॉस" का सीजन 5 "सल्लू" के साथ "होस्ट" कर रहे हो इसलिए "ऐश" की बात भी नई करने का वर्ना आप तो ठहरे "सीधे-सादे", कल को "येश्च" लोग बोलेंगे आप "बापू" के नहीं "नेहरु" के "फलोवर" हो, काएको "गुलाब" बांटता है ना तू ! मुन्ना भाई "सीरीअस"हो गए ....ए सर्किट तू साला टेंशन हे देगा क्या रे ! अक्खा तेरी बात और "योजना आयोग का हलफनामा" एक बराबर ! कमबख्त इस मुल्क में "चुनाव" आते ही "जिले" बनने शुरू हो जाते है ! "मंदिर" के लिए "पत्थर" तराशे" जाने लगते है ! "रथयात्रा" पर "महाभारत" शुरू को जाती है ! "किताब" का नाम "कंट्रोवर्सियाली योर्स" है तो "बयान" भी ऐसा ही देने लगते है ! अपुन के "दिमाग" का तो "दही" बन "गयेला" है ! पता है सर्किट तेरे को "दो अक्टूबर" को ही अपने "शास्त्री जी"का भी जन्म हुआ था लेकिन यहाँ तो......बात काटते सर्किट बोला, हाँ भाई यहाँ तो लोग "रवि शास्त्री" को "ज्यादा" जानते है,पर "उनका" भी क्या "दोष" है, जिस मुल्क में "किसान" गरीबी से तंग आकर "आत्महत्या" कर रहे है और "जवान" कुंठित होकर "अपनी" ही गोलियां "कनपटी" पर "दाग" रहे हो वहां "जय जवान-जय किसान" का क्या मतलब...जानते है भाई, "मैट्रिक" में "फेल" होने के पहले "अपुन" ने "गलती" से "गेंहू और गुलाब" पढ़ लिया था ! आज तेरा "गुलाब" तो "गांधीगिरी" के "नाम" पर "चल" निकला है अभी "गेंहू" का कुछ करना होगा,साला "गरीब" लोगों से "दूर" होता जा रहा है...कहते-कहते सर्किट की "आवाज़" "भर्रा" गई और मुन्ना भाई की भी "आँख" "डबडबा" आई,तभी वहां "पांडू" हवालदार ने "डंडा" पटका...अबे ओ, "सारेगामापा" के "लिटिल चैम्पियन",चल-चल सरक ले इधर से वर्ना....मुन्ना भाई और सर्किट ने एक दूसरे को देखा,"पांडू" के "वर्दी" और "डंडे" का "रंग" एक था ...दोनों "ख़ामोशी" से "मौके" की "नजाकत" भांपकर वहां से "निकल"...बोले तो "सरक" लिए...दूर चमचमाती "रौशनी" में सारा मुल्क "डांडिया" की धुन पर "थिरक" रहा था ! "हाई-वोल्टेज" स्पीकर पर "रीमिक्स" गीत गूंज रहा था....रघुपति राघव राजा राम,पतित पावन सीता राम ! ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ,सबको सम्मति दे भगवान् !!!!                       


Sunday, September 18, 2011

"एयर कंडीशन हाल" से "फुटपाथ" तक ...."इंडिया गाट टैलेंट" !

कसम से भाई साब,"जिंदगी" में पहली बार अपने "अभावोंऔर "गरीबी" पर "गर्व" महसूस हो रहा है ! कुछ-कुछ  "इलीट- इलीट" जैसी  "फीलिंग" रही है ! वाह री "किस्मत", पता ही नहीं चला कि जिसे "इतने" दिनों तक "मजबूरी" "भुखमरी" समझता था वो तो "उपवास" था ! इससे कोई "फर्क" नहीं पड़ता कि "किसने" किया है और "कहाँ" किया है ! "रामलीला-मैदान" से "एयर कंडीशन हाल" से "फुटपाथ" तक ...."इंडिया गाट टैलेंट" ! अब जिसने सारी  उम्र "क्लासिकल डांस" ही किया है वो कहा करे इसे "सर्कस" ! "सद्भावना रैली" नाम रख लेने से क्या "विरोध प्रदर्शन" करने पर "गिरफ्तार" नहीं करेंगे....हद है यार ! कितनी बार "समझायाकि "दशहरे" में रावन "जलाने" से "रामराज्य" नहीं आता है और ना ही "रेपो रेट" बढ़ाने से "महंगाई" कम होती है मगर नहीं...... एनी वे  आप खुद ही देखिये कितने तरह के "ऑप्शन" है आज..."जी" करता है कि मै भी अपनी "रथयात्रा" निकाल दूं हो सकता है कि "ढलती उम्र" में कोई दूसरी "राजनैतिक" सम्भावना निकल ही आये  या फिर "ऐलान" कर दूं कि जहां-जहां "चुनाव" होंगे "वहाँ-वहाँ" का "दौरा" करूँगा ! सच कहूँ तो भाई साब,पहली बार "जिंदगी" के "मैच" में "डकवर्थ-लुईस" "नियम" लगा है ! "हाशिये" पर पड़े "आम हिन्दुस्तानी" का "उपवास" "ग्लैमराइज़" हुआ है ! अब "आप" उठाया करो "उपवासों" के खर्च पर "सवाल" ! बेवजह "बाघेला" कि तरह "अकेला" पड़ने से "बेहतर" है कि "इंजॉय" करो ! वैसे भी इस "हफ्ते" दो ही  "चीज़ोंकि "चर्चा" है पहला "उपवास" दूसरा "मेरे ब्रदर कि दुल्हन" ! अरे हाँ 7 %  "डी.." बढे या "पेट्रोल" के "दाम", "शार्ट सर्किट" को "ब्रेकिंग-न्यूज़" में "धमाका" बनाने वालों के लिए ये सिर्फ एक खबर है ! वैसे भी उनसे क्या "शिकवा"...."दिल्ली" और "आगरा" में "विस्फोटों" के बाद खुद हमारी सारी "संवेदना"  "तेरह"  "चौदह"  "पंद्रह".....कितने तक "सिमट" कर रह जाती है ! ये वो "मुल्क" है जहाँ "सैंडिल" लाने के लिए "निजी विमान" जाता है और वहीँ  "एशियाई चैम्पियनशिप" में "चक" देने के बाद भी "टीम इंडिया" के "खिलाडियों" को मात्र 25 हज़ार रुपये मिलते है  ! माफ़ कीजियेगा "भाई साब", हो सकता है कि "बहनजी" कि "तर्ज़" पर "आप" भी मुझे "पागल हो गया है" कहें,मगर सच तो ये है कि ,हमने अपनी गलतियों से कभी कुछ नहीं सीखा ! "टीम इंडिया" कि "इंग्लैंड" में "शर्मनाक" को भूलकर हम खुद को "सुपरकिंग" "डेयरडेविल्स" "रायल चैलेंजर"और "...इंडियस" तक "समेट" लेते है शायद इसीलिए "सालों-साल" "भूखे पेट" सोने के बावजूद कभी भी हमारे "उपवास" पर ना तो कोई "चिंता" और ना ही कोई "चर्चा" होती है ! चलते-चलते आज "शहरयार" साब को "ज्ञानपीठ" पुरस्कार मिल रहा है ! उन्ही का एक शेर अर्ज़ कर रहा हूँ शायद जो कहना चाहता  हूँ आप तक पहुच जाये...सीने में जलन,आँखों में कोई तूफ़ान सा क्यूँ है ! इस शहर में हर शख्श परेशान सा क्यूँ है ......   

Tuesday, September 13, 2011

..........हिंदी,हिन्दू,हिन्दुस्तान !!!!!

प्रातः काल भगवान भुवन-भास्कर की रश्मियों के आगमन के साथ ही,गत वर्ष के संकल्प का द्रढ़ता पूर्वक पालन करने की नियत से हमने अपनी "भार्या" को आदेशित किया "हे अर्धांगनी,अतिशीघ्र पर्वतीय स्थलों  से प्राप्त होने वाली हरित पत्तियों से निर्मित ,दुग्ध शर्करा मिश्रित उष्ण पेय पदार्थ चीनी-मिटटी के बर्तन में प्रेषित करो,ताकि दिनचर्या आरम्भ हो,उधर से फ़ौरन जला-कटा जवाब आया "होश में आओ,इतनी लम्बी लम्बी मत छोड़ो,वर्ना "एडिट" हो जाओगे ! आपकी कसम भाई साब,बदन में जितना भी "सीसी" खून था सब उबल कर "चिकन सूप" बन गया ! कविवर प्रदीप ने यूँ ही नहीं लिखा है कि "देख तेरे  संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्,कितना बदल गया इंसान....! अभी होते तो ज़रूर लिखते "कहाँ गए भारतेंदु हरिश्चंद्र,कहाँ रहा हिंदी,हिन्दू,हिन्दुस्तान....! हमने समझाने की कोशिश की "अरे भागवान,! एक दिन तो "हिंदी" बोल ! तुझे क्या पता, 14 सितम्बर को "प्रतिवर्ष" हिंदी की "दुर्दशा" पर कितनी "चिंता" की जाती है ! "वातानुकूलित सभागारों" से लेकर  "नुक्कड़" तक भाषण,लेख,प्रतियोगिता,सेमीनार वगैरह वगैरह....! पत्नी मुस्कुराई "चींटी" होकर "चूहे" जैसा "बिल" बनाने चले हो ! चार "लाइने" फुर्सतनामा की लिखकर उड़ने लगे हो ! भूल जाओ... ! मै समझ गया भाई साब, "साठ" बरस की "बुढ़िया" पर "बनारसी साड़ी" नहीं फबती है, सो बात बदलने की "गरज" से हमने बाहर झाँका...वह क्या शानदार "जुलूस" है...भक्तों का रेला,बैंड-बाजा,रंग-अबीर-गुलाल...हमने "श्रद्धा" से "सर" झुकाया और जोर  से  नारा लगाया "गणपति बप्पा मोरिया"...उधर से जवाब आया .."अपना नेता मस्त है...! आपकी कसम झूठ बोलूं तो मेरा मामला भी "सुप्रीम कोर्ट से" सीधे "लोअर कोर्ट" भेज दिया जाये !  हम तो वहीँ खड़े खड़े "अवाक" रह गए..समझ गए ये तो"छात्र-संघ" की  "जीत" की "ख़ुशी" में निकला "जुलूस" है.. और  "गणपति बप्पा"... वो  तो "विसर्जित" होते होते मेरे "सवालिया" "नज़रों" को "भांप" कर "मुस्कुराये" और चुपके से बोले " ये मेरा "विसर्जन" है, "इलेक्शन" नहीं ..मै अगले बरस फिर आऊंगा "हिंदी दिवस"की तरह, तू  बिलकुल परेशान ना हो ,क्योंकि हिंदी तो वो "विशाल" ह्रदय वाली पवित्र "गंगा" है,जिसमे "दूसरी भाषाओँ" की तमाम "छोटी-बड़ी" नदियाँ,झरने,नहरें...आ आ कर मिलती है और ये "सबको" अपने में "समाहित" करके "महान" बनी रहती है ! यही इसका "बड़प्पन" है ! एक बात और "संगम" के जल से "सरस्वती" "यमुना" के "जल" को "अलग" करने  की "कोशिश" में "गंगा" के "विस्तार" की "संकीर्ण" मत कर! इसकी "शक्ति" "सामर्थ" और "अपनेपन" को "पहचान" ,क्योंकि यही है "सच्चे" अर्थों में "हिंदी" का सम्मान ! हमारी "आँखे" "खुल" गयी ! हम सोचने लगे "क्या ये स्वप्न है"???????