कसम "कांग्रेस महासचिव" की भाई साब, क्या "रफ़्तार" और "रोमांच" है इन दिनों,"बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट" फेल...देखिये ना "दीपावली" भले ही बीत गयी हो मगर "धूम-धडाका" अभी तक जारी है ! "श्रीलाल शुक्ल" जी भले "हम लोगों" के बीच ना हो मगर "राग-दरबारी" जारी है ! "अन्ना" "बाबा" के बाद "श्री श्री".... ए,बी,सी का नया "व्याकरण" पढाया जा रहा है ! "कमल-दल" के "प्रकाश" पुंज ने तो "बात" डी तक पहुंचा दी है..."डी" मतलब "डफर"..."डर्टी"...."कलयुग" के "कुरुक्षेत्र" में "कृष्ण" ने "मौन व्रत" धारण किया हुआ है,"अर्जुन" "गांडीव" लहराने के बाद "नौ लाख" चुकाने को तैयार हो गए है..पार्श्व में "गीत" गूँज रहा है ...कोई "दीवाना" कहता है,कोई "पागल" समझता है..और "जनता" बेचारी "हमेशा" की तरह "द्रोपदी" बनी "हतप्रभ" खड़ी है !अब आप इस पूरे "प्रकरण" में ज़रा सा भी ना "परेशान" होइएगा क्योंकि ये वो "मुल्क" है जहाँ "सड़क दुर्घटनाओं" में सबसे ज्यादा लोग "मरते" है,वहां वो "फार्मूला-वन" की "रेस" करा सकता है ! "रियासतें" भले ही चली गयीं हो मगर "पटौदी" में नए "नवाब" की "ताजपोशी" हो जाती है ! "तुसाद" के "संग्रहालय" में "बेबो" "मोम" की हो जाती है ! "जी-वन" की सबसे ख़ास "दोस्त" का पति "ट्विट" करता है कि "दीपावली" पर "डेढ़ करोड़" की "आतिशबाजी" "फुस्स" हो गयी....मगर कहा ना कि परेशान ना होइए "कोर-कमेटी" भंग नहीं होगी ! "बदलाव" नहीं "विस्तार" होगा ! बकौल शायर "हज़ार बरस नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है,तब जाकर होता है चमन में दीदावर पैदा.... लेकिन आज के दौर में तो "नर्गिस" का मतलब "7 अरब" होना है ! एनी वे ....सुना है की "अन्ना" अपना "मौन व्रत" तोड़ेंगे और देश के "कुमारों" में ""विश्वास" जगाने के लिए "यात्रा" करेंगे ! अब आप आम "हिन्दुस्तानी" की तरह फ़ौरन कहोगे की..."गाँधी" के "सपनो" वाला "राम-राज्य" लाना है तो अपनी टीम के सदस्यों के भीतर "सर्वगुण संपन्न" और "निष्कलंक" होने के "अहंकार" को मारना होगा वर्ना "गैर-राजनीतिक" संगठन होने का "दावा" करने वाले भी अगर हर "आरोप" को "चरित्र हनन की साजिश" जैसे "राजनीतिक" जुमले से "नकारने" की कोशिश करेंगे तो "भ्रष्टाचार" को ख़त्म करने का सपना ही टूटेगा ! "वक़्त" आ गया है की "मुल्क" को सिर्फ "हाकी" के 'मैदान" पर "झगडे"की "खबर" ही ना बताई जाये बल्कि "ये" भी "बताया" जाये की "राष्ट्र-मंडल" के "महासचिव" के लिए "भारत" के "कमलेश शर्मा" के "नाम" का "प्रस्ताव' "पाकिस्तान" ने किया था और वो पुनः "निर्वाचित" भी हो गए ...मगर "सवाल" फिर वही...बताएगा कौन.......बकौल बशीर बद्र...वही ताज है,वही तख़्त है,वही ज़हर है,वही जाम है ! ये वही खुदा की ज़मीं है ये वही बुतों का निजाम है ! मेरे चराग सरे आँधियों ने बुझा दिए, मगर एक जुगनू हवाओं में, अभी रौशनी का इमाम है !!!!! आमीन!!!!!!
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