Sunday, July 31, 2011

तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे....

कसम येदियुरप्पा की भाई साब,आज कल अपना मनवा भी "खनन" करने में जुटा हुआ  है !अब आप कहोगे मौका अच्छा है डी.डी. तू भी "कर-नाटक"...अच्छा अब आप ही बताइए "बारिश" की "उम्मीद" में हम सड़ी हुई "उमस" "झेलते" है की नहीं,और "बारिश" होने पर "बजबजाती" "नालियों" के बीच से "सड़क" पार करते है तो क्या ये "नाटक" है... ! अब ऐसे आप की माने तो "नेताजी"का पार्टी के पुराने "महासचिव" के समर्थन में "बयान" भी "नाटक" है ! "ज़हीर खान" का इंग्लैंड दौरे के लिए "फिटनेस" टेस्ट पास कर लेना भी "नाटक" है ...क्या भाई साब,आप भी ना हमेशा "महंगाई" कम करने के नाम पर "रेपो" और "रिवर्स रेपो" रेट बढ़ाते ही रहते है ! अरे "बीइंग ह्यूमन" की "टी-शर्ट" पहन लेने से कोई "सलमान" नहीं बन जाता है,सिर्फ "चैरेटी" होती है ! वो कहते है ना की "दाल" गिर जाने पर "सूखी रोटी" ही "अच्छी" लगती है ! "शतको" का "महाशतक" बनने की "उम्मीद" लगाये रखनेवाले,"विदेशी धरती" पर "टेस्ट" खेलने  का "शतक" बनने की "खबर" से ही "बहल" जाते है ! इस "मुल्क" में अपनी पार्टी को "सर्कस" कहने से कुछ नहीं होता है,असली "आचार्य" है तो "स्कूल" के "रिकार्ड" में "विवरण" होना ज़रूरी है वर्ना "अग्रिम" ज़मानत करनी ही पड़ेगी ! सच तो ये है की जहाँ "सहरी" और "इफ्तार" के "वक़्त" भी "अलग-अलग" होने की "बात" हो रही हो,वहां "किसानो" के हित में "पदयात्रा" और "पद-यात्रा" में फर्क करना मुश्किल हो जाता है ! क्योंकि "ज़माना" बदल चुका है...आज "नमक का दरोगा" "गल" चुका है ! "होरी-धनिया" अधिग्रहण के  बाद "मुआवजे" के लिए भटक रहे है ! "जुम्मन शेख" और "अलगू चौधरी" "कैश फॉर नोट" पर सी.बी.आई के सामने है !नन्हा हमीद अब "मेले" से "चिमटा" नहीं "मोबाइल" खरीदता है ताकि "दादी" को "टेक केयर" "मैसेज" कर सके ! भाई साब,पाक विदेश मंत्री के "नीतियों" से ज्यादा उनके "पोशाक" और "अंदाज़" पर चर्चा करने वाली "पीढ़ी" में से "कितनो" को "पता" है की आज (31 जुलाई ) को "मुंशी प्रेमचन्द्र जी" की "जयंती" है और आज ही "सुरों के शहंशाह" "मोहम्मद रफ़ी" की "पुण्य तिथि" है, जिनके गाये "सुरीले गीतों" को गा- गाकर कितने लोग आज "रियल्टी-शो" के "जज" बने बैठे है ....खैर जाने दीजिये  आने वाला "मौसम" "त्योहारों" का "मौसम" है ! "माहे मुक़द्दस" "रमजान" का "आगमन", "नागपंचमी" का "उत्साह","फ्रैंडशिप" डे का "जोश"...आप सबको "त्योहारों" की :ढेर" सारी "बधाइयाँ ",मंगलकामनाएं ...लेकिन ये क्या "त्योहारों" और "बधाइयों" की इसी "धूम" के बीच दूर कही "रेडियो" पर बजते "गाने" की "आवाज़" सुनाई दे रही है....तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे हाँ तुम मुझे यूँ  भुला  ना......

1 comment:

  1. bhaiya poora jhoola jhulane ke baad serious ho gaye...ek aur jabardast rachna

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