Sunday, March 13, 2011

....ज़रा दिल से सोचिये भाई....

होता है भाई साब,होता है!ऐसा "फागुन" में ही होता है,जब आपके हर "डिसीजन" पर "दिमाग" का नहीं,"दिल" का "असर" दिखता है! इस "मौसम" में "बाबा" भी "देवर" बनकर "फगुआ" गाने लगता  है....साली,घरवाली लगने लगती है,यही नहीं कसम राज कपूर की,"साहित्यिक" लेखो में भी "भीगी नारी" की  रंगीन "फोटो" लगनी शुरू हो जाती है...तो फिर भईया "अनफिट नेहरा" को "आखिरी ओवर" देने पर इतनी हाय तोबा क्यों???"अगले" ने कौन सा "योग गुरु"का "नार्को" करने की "डिमांड" कर दी है? वैसे भी "पहले" ही "ऐलान" कर दिया था की एक "हार" तो मिलनी ही है...भाई साब,"दिमाग" से "क्वार्टर फ़ाइनल" की "चिंता" छोड़  कर "दिल से" सोचिये की "बापू"कहाँ establish हुए थे??? ये"दिलो" को "मिलाने" वाला "मौसम" है! "महात्मा"से लेकर "मंडेला"तक के "रिश्तों" की "लाज" "माही" नहीं तो क्या "हम" "आप" रखेंगे??? वैसे भी "सोशल इंजीयरिंग" के दौर में "सायकिल" पर सवार होकर "जेल" भरो या फिर "आरक्षण" के नाम पर "रेल" रोको,हम तो"जयंती" के नाम पर "भीड़" बटोर कर "शक्ति प्रदर्शन"करेंगे ही,क्योकि "मौसम" है!! वैसे भी कहा ना, "डिसीजन" "दिमाग" से नहीं "दिल से" हो रहे है इसलिए "जो" "दिल" में आएगा "वो" करेंगे ही,मगर क्या करें, ये "दिल"ही"कमबख्त" सोचता है की,इस "मुल्क" में"राधिका" को"प्रेम"करके"अमर" नहीं,बेरहमी से "क़त्ल" कर दिया जाता है! "सरकार" सबूत नहीं जुटा पाती है और"हसन अली" को"अदालत" से "ज़मानत" मिल जाती है!!
एनी वे "आप"  देखो ना, इधर  "खबर" आयी की "जापान" में भयंकर "भूकंप' और "सुनामी" ने "सबकुछ" "बर्बाद"कर दिया है! उधर "अपने"यहाँ फ़ौरन "बयान" जारी हो गया ..."भारत" में "सुनामी" का "खतरा" नहीं है....!!"दिल"से"आवाज़"आई ...सही कहा,इस"मुल्क" में "सुनामी" से "बड़े""खतरे" पहले से"मौजूद" है,"मुल्क" उन्हें "झेल" रहा है,यहाँ आया तो "खतरा" "सुनामी" को ही होगा...!!!! भाई साब ज़रा "दिल से" सोचिये...ये"कुदरत" का "कहर" है या "कराह"???क्या कर रहे है "हम" अपनी "धरती" के साथ??? हवा,पानी,पेड़,जलवायु सब "जीवन" देने वाले है,क्यूँ ये"जीवन"लेने पर "मजबूर" हो रहे है??? "प्रकृति" हमें कुछ "समझाना"चाह रही है, "हमें"अब"समझना" ही होगा..."दिल से"...!!
 "चलिए छोडिये इन सब "बातों" को,और बताइए क्या "प्लान" है "आपका"इस बार"होली" पर??? भई,"उनका" "इरादा" तो एकदम "साफ़" है........."दिल से"वो"इस बार "वहां" "वहां" जायेंगे,जहाँ जहाँ "मिलेगी",अगले "महीने" से "महंगी" हो रही है ना!! अब आप "दिमाग" से "सोचते" रहो  "19 मार्च" को तो"सुपरमून" आ रहा है,"होली" तो "20 मार्च"  को है, ये कैसे मनायेगा???? आप "दिमाग"वाले हो,"सोचते" रहो..."अपन" तो "होली"की "तरंग" में "आपके" लिए एक "शेर" अर्ज़  करते है "दिल से"....
"आसमान का "इन्द्रधनुष" कौन "धरा" पर लाये,जब "रंगों" से "आदमी" "इन्द्रधनुष" हो जाए!! "दृष्टि" यदि 'इन्सान" की "पिचकारी" हो जाए,कोई "दामन" आपको "उजला" नज़र ना आये.....!!!!!शुभ होली!! मंगलमय होली!!!!!!

6 comments:

  1. dil se to kewal common man hee soch sakta hai kyonki ek yahi cheej uske paas bachi huyee hai, uske dimag par to neta roopi radiation ne pehle se aisa bhayankar kabza jama rakha hai ki aur koi rasta hai hee nahi. uski to holi bhee aur diwali bhee usee ke paison se usi ka ghar jala kar manti hai. sankshep mein kahein to her durbhagyashali ghatna uske hisse aati hai jaise ki wo is sab ke liye bana eklota sample hai kudrat ka. sab kuchh seh kar bhee samajhana use hee hai. duniya ke her kone mein yahi riwaz hai, so bhaiya uski to zindagi kuchh idhar aur kuchh udhar ki kehte sunte kat jaayegi, kabhi bhagya kee ek ksheen see kiran uske hisse aa bhee gayee to vahi uska indra dhanush hoga. kaash uska indra dhanush use mil jaaye, is baar ya fir agli baar! kuchh bhee ho, kehna to padega," holi mangalmay ho"

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  2. is baat per holi mubarak ho sir

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  3. धन्यवाद भाई साब,जिंदगी बस इन्ही अहसासों का नाम है वर्ना इस आपाधापी में सभी खुश है अपने अपने सपनो में रंग भरने के लिए.....!!!
    आशू होली कि तुम्हे भी बधाइयाँ!!!!

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  4. thanx sir for sharing ur thoughts with us... and happy holi sir

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  5. होलीं की मंगलकामनाएं,यूँ ही फुर्सत के लम्हे मिलते रहे,
    और लबों पर ख़ुशी छलकती रहे...

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