आपने वो "गाना" तो सुना है ना "साड्डी गली कभी बुल्ल के भी आया करो जी...साड्डी गली" ..........कसम "रेल बजट"की भाई साब, मै तो जब भी सुनता हूँ ,मनवा तुरंत "दुरंतो एक्सप्रेस" हो जाता है !आज "बंगाल" छोड़ कर सारा "मुल्क" यही तो गा रहा है..."साड्डी गली कभी आया करो जी"....!पुरानी कहावत है भाई साब,हर "सुहागन" को "अपना" ही "सिंदूर" सबसे "चमकदार" लगता है चाहे वो 'दीदी" हो या "दादा".....कहता रहे "मीडिया",ये "आम आदमी" का "बजट" नहीं है..."होटल" में "खाना" महँगा,ब्रांडेड "सोना",ब्रांडेड "रेडीमेड कपडे","निजी अस्पताल" में "इलाज" सब "महँगा" हो गया है,यही नहीं "हवाई जहाज" में "सफ़र" भी "महँगा" हो गया है!अरे मनहूसो,हम "आम हिन्दुस्तानी" है "तनु" वेड्स "मनु "हो या "लारा" वेड्स "महेश", हमें "रिसेप्सन" नहीं सिर्फ "न्यूज़" ही मिलनी है!ज्यादा "कानूनची" बनकर या "शिक्षा" देने के लिए "मित्र" बनकर "सीएम् आवास" घेरने की "कोशिश" करोगे तो "लाठियां" ही पड़ेंगी!'जेपीसी" बना देने से "भ्रष्टाचार" "ख़त्म" नहीं होता है!"राहत" ने "मुल्क" छोड़ दिया है,आप भी "महंगाई" से "राहत" की "उम्मीद" छोड़ दीजिये,वर्ना "खिसियाये" पोंटिंग की तरह" ड्रेसिंग रूम' में टी.वी.तोड़ने पर "माफ़ी" ही मांगनी पड़ेगी !वैसे भी "मैच" जीतने के लिए सिर्फ "शतक" बनाना ही "काफी" नहीं होता है,पूरे "पचास ओवर" "खेलना"भी "ज़रूरी' है वर्ना "घर" की "पिच" पर ज़रूरी "सामानों" के "दामो" की "यार्कर" से आपके "बजट" को "क्लीन बोल्ड" होते देर नहीं लगेगी !आपके पास ना तो "ग्लेमर" है ना ही "पांच किलो सोना" जो "राज्यसभा" के लिए "दुबारा" चुन लिए जाओगे!वैसे भी "बजट" बनाने की "ज़रूरत" उसे होती है जिसके पास "कुछ" हो!"आम आदमी" की सारी "ऊर्जा" तो "कमाने" में ही "खर्च" हो जाती है! "दस" का नहीं "ज़रा" सा भी "दम" हो तो "सच सच" बताइयेगा कितने "प्रतिशत" "भारतीयों" की "किस्मत" में ब्रांडेड "सोना" ,ब्रांडेड "रेडीमेड कपडे',"होटल" में "खाना",'हवाई जहाज" में "सफ़र' "मयस्सर" है???क्यों हो गया ना "चेहरा" "लीबिया"!भाई साब,"किस्मत" ख़राब हो तो "हाक आई" से "आउट" दिखने के बाद भी "२.५ मीटर" वाला "नियम" सामने आ जाता है!आप बेवजह परेशान है, हम "कूल मैन कूल" के ज़माने के है, "टी.वी".पर "योग" सिखाने वाले "बाबाधन" और "कालाधन" के बीच "नूराकुश्ती" देखकर "खुश" हो जाते है,यही नहीं "खुश" होने के "दस" बहाने "और" है हमारे पास...."ऐश्वर्या" का जलवा "ऑस्कर" में छाया रहा,"तेंदुलकर" ने "वर्ल्ड कप" में "शतको" का "कीर्तिमान" बना दिया,"हमने" हारा "मैच" "टाई" करा लिया वगैरह वगैरह....वैसे भाई साब, "सीरियसली" एक बात आपसे कहूँ....इस "दौर" में "मिस्टर कूल" बने रहना ही "सही" "डिसीजन" है,ताकि "महंगाई" के "पॉवर प्ले" में "आमदनी"और "खर्चे' के "मैच" को कम से कम "टाई" तो करा लिया जाए, क्या "कहते" है "आप"?????...चलते चलते "मुल्क" की "किस्मत" या यों कहे "मासूमियत" पर शेर अर्ज़ है..".जागते" रहिए "ज़माने" को "जागते' रहिए,मेरी "आवाज़" में "आवाज़" मिलाते रहिए !! यूँ तो "भूखा" रहने को "तैयार" है मेरा "वतन","आप" उन्हे "परियों" के "ख्वाब" दिखाते रहिए!!!!!
kya kahane! idhar hamare dimaag mein aaya dada ka pitara aur udhar aapne catch kar lee pitare se nikli dada ki pothi. dono pothiyan bahut kuchh kahna chahti hain, sur mein sur mila to awaaz door talak pahunchegi. Achha laga. Deepak Babu! Badhia hai.
ReplyDeleteआपके उत्साहवर्धन का धन्यवाद!यूँ ही अपने विचारों से हिम्मत बढाते रहिये!....
ReplyDeleteHanidustani.... Kya Ba'ath hai...sachi Ba'ath khi aap ne
ReplyDeletethanx,mujhe bardasht karne k liye n ye batane k liye ki kitna bhi busy kyo na ho chahne par fursat nikal hi aati hai....
ReplyDeleteBahut Badhiya bhaiya..... sabse best tha aapka aakhir ka sher.....bahut khub....
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