कसम "वर्ल्ड कप" की भाई साब,आजकल अपना "मनवा" भी "नमकीन' वाले "विज्ञापन" की तर्ज पे "कंट्रोल ही नहीं होता"...ससुरा कभी "कैच" की तरह "हाथो" से "फिसल" जाता है तो कभी तेजी से "बाउंड्री" की तरफ" लपक" लेता है,हद तो ये हो गयी है की, अब तो वो "टार्गेट" भी "सेट" करने लगा है,यही नहीं "चेस" भी करने लगा है.......लाख समझाता हूँ की "ऊँगली" में "टेंगली" "हरभजन" को "फबती" है,"बिग बी' की तरह "ब्लॉग' लिखने की कोशिश में "गलत" "बटन" दबा दिया तो पूरी "साईट" ही "उड़" जाएगी ...मगर नहीं वो कहता है की "ईश निंदा" करने पर "हत्या" तो "पडोसी" मुल्क में होती है, अपने यहाँ तो "प्रेम चोपड़ा' को भी "मदर टेरेसा" 'पुरस्कार" मिलता है..कसम से भाई साब, ये सब "शादियों' में बजते "डी.जे".की "करामात" है, जो बरसो पहले,अपने ज़माने में बजी "शहनाई' के "सुरों" की "याद" दिला देते है...वो भी क्या दिन थे भाईसाब???...अरे "अक्ल" पर "पर्दा" पड़ा था और क्या?एक ही "खुंदक" दिमाग में थी की "कुंवारे' को "बिस्तर" के "दोनों" ओर से "उतरने" के अलावा कोई और भी "फैसलीटी" है क्या????बस नयी "घडी" और "सूट" के "लालच" में "कूद" के बैठ गया "हरियाला" "बन्ना" 'घोड़ी" पर ,हालाँकि "बैंड" वालों ने "बहुतेरा" "आगाह" किया था...ये "देश" है "वीर जवानों" का...."सूरत" आपकी "सुभान अल्लाह" वगैरह वगैरह ...मगर नहीं, यही तो "फर्क" है "हसन अली" और "डी.डी".में,अगले ने "घोड़ी"से "माल" बना लिया और "हम" "उसी" पर "खर्च" किये जा रहे है ....सीधी सी बात है हमने कौन सा "खानदान" में
"डेढ़ दशक" के बाद "शहनाई' बजवाई थी जो खुद "शंकराचार्य" "नवरत्न" की "माला" "गिफ्ट" में देते और "नजदीकी रिश्तेदार" भी ना आते,"हमारे" यहाँ हुआ "उल्टा","गिफ्ट" तो मिली नहीं "रिश्तेदारों" ने "मौज" उड़ाई और "चलते" समय "बिदाई" भी ले गए.. उस दिन तो "मन" एकदम से "डी.एम्.के."हो गया था,"इस्तीफा' देने की "धमकी" देने ही जा रहा था की तभी "आवाज़" आयी....."सुनो जी,"विमेंस डे" पर "मुझे" बाहर ले जाने के लिए कह रहे थे ना....मै "सोच" रही थी की "तुम्हारी" 'पसंद" के "आलू' के "पराठे" बना लेती हूँ........यही "घर"पर "खा" लेंगे..."पैसे" बचेंगे....इसी महीने "बिटिया" की "तीन महीने" की "फीस" और "एग्जाम फीस" दोनों देनी है ना ......भाई साब,"गीली आँखों" को "छुपाते" हुए फ़ौरन"सी.वी.सी" वाला "जम्मू" में दिया गया"बयान" याद आ गया...लम्बे "कार्यकाल" में "गलतियां" हो ही जाती है...!!
."अरुणा शानबाग" के लिए "यूथनेसीया" (इच्छा मृत्यु) मांगने वाली "पिंकी वीरानी" की "याचिका" "न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्र" ,"न्यायमूर्ति काटजू" के साथ "मानवीय आधार" पर "खारिज" करती है......"विमेंस डे" के celibrations के बीच ये "नजीर" बदलते "भारत" में "आज" की "नारी" की "शक्ति" या फिर "सोच" को "दर्शाती" है....."फैसला" करने वाले "हम" या "आप" "कौन" होते है ?.....चलिए "हम" भी "मिलकर" "गाते" है...."कोमल" है "कमज़ोर" नहीं,"शक्ति" का नाम "नारी" है!सबको "जीवन" देने वाली,"मौत" भी "तुझसे" "हारी" है ..."कोमल" है "कमज़ोर" नहीं......!!!!!!!
Mujhe poora yakin hai ki aaj to aapko alu ke paranthe ke saath achaar aur chhachh bhi mila hoga. Women's day par itna kuchh karne ke liye! Badhia hai!
ReplyDeleteधन्यवाद !आलू के परांठो का तो पता नहीं पर "वेमेंस डे" पर
ReplyDelete"अरुणा शानबाग" "पिंकी वीरानी" और "जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्र".....
आज कि नारी के तीन प्रतिबिम्ब से लगते है...!!!!प्रतिक्रिया से हौसला बढाने का पुनः धन्यवाद!!!!!
Aap ka Womens day wala speech abhi bhi yad hai, matlab dusharo ko bhadaka ke khud aalu ke parathe kha rahe hai! Vah gurudev?
ReplyDeleteFanatastic...Pure week ghatanao ko nichod ker is blog me daal diya.... isse yaad aa gaya DD channel ka "world this week" news program
ReplyDeleteओये आशू इतने दिनों बाद भी तुम्हे वो स्पीच याद है... धन्यवाद!!!!
ReplyDeleteरहा सवाल परांठो का तो इतनी दूर चले गए हो के पार्सल भी नहीं भेज सकता..!!!एक काम करो बना कर खा लो मेरा आशीर्वाद है ना तुम्हारे साथ....
और हाँ,नम्रता अच्छा लगा जान कर ब्लैक एंड white के ज़माने का प्रोग्राम भी देखती थी,प्रणव राय का ये प्रोग्राम मुझे भी पसंद था!!!
वो कमाल का था.....पुरानी यादो को,ताज़ा करने के लिए धन्यवाद!!!!!!