Thursday, November 24, 2011

अपने "देसी ब्वायज" का कोई "मुकाबला" नहीं.....,

भाई साब "सच" कहूँ तो अपने "देसी ब्वायज" का कोई "मुकाबला" नहीं, खालिस  "मौलिक प्रतिभा" कूट-कूट कर भरी है ! देखा नहीं "फूलपुर" के "अंधेर नगरी" से "फुलप्रूफ" नहीं बल्कि ऐसा "फूल" बयान दिया कि पूरा "माहौल" "बिग-बॉस" हो गया ! जिसे देखो वही "यात्रा" रोक-रोक कर "प्रतिक्रिया" दे रहा है और "जो" नहीं दे रहा है वो "कैमरा" देखते ही "रोने" लग रहा है,अब वो चाहे "साप्ताहिक कार्य" हो या "आपका फरमान" ! "यू.पी. की दशा" हो या "96 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल" ...ये "आंसू" ही मेरे "दिल" की "जुबान" है........ एंड एज यूजुअल "आम आदमी" बेचारा "हमेशा" की तरह "लुटा-पिटा" "हताश" सोच रहा है कमबख्त "आंसू" भी अब "इलीट" हो गए है बिना "कैमरा" देखे "आते" ही नहीं है,"कैमरा" देखा नहीं की "जिसकी" देखो "उसकी" "आत्मा" "कुरते" के नीचे से "डाइव" मार कर "बाहर" जाती है और "आंसू" लगे "बहने".......यहाँ तक तो "ठीक" था भाई साब, मगर "खबर" पढ़ता हूँ की "ग्लोबल एम्प्लाई इंगेजमेंट इंडेक्स" ने अपने "सर्वे" मे पाया की "वफ़ादारी" में "भारतीय कर्मचारी" सबसे "आगे" है...... "शीतकालीन सत्र" से पहले ऐसा "सर्वे".......इसे कहते है कि "गाँव बसा नहीं,कुत्ते पहले रो दिए".....कसम से "तबियत" "भन्ना" गयी "अपनी"..."जी" में आया की "इसको" भी "कोर-कमेटी" में "भर्ती" करवा दूँ, क्या हुआ जो "अगले" ने "ब्लॉग" बंद कर दिया कम से कम "बयानों" पर "ना-इत्तफाकी" का "सिलसिला" तो "जारी" रहेगा,"बजता" रहे "बैकग्राउंड" में "गाना"..."ओये "राजू" प्यार मत करियो,"दिल" "टूट" जाता है....." मगर क्या करियेगा भाई साब, अपना "मुल्क" है ही ऐसा, "पेट्रोल" के "दाम" "आठ आने" बढे नहीं कि "सरकार" से "समर्थन" वापसी कि "धमकी", "हो-हल्ला","जनता से हमदर्दी का स्वांग" सब कुछ और "पौने दो रुपया" "कम" हुआ तो "कुछ नहीं",  सिर्फ "सन्नाटा"......! बाहर जितना भी "बीप" "बीप" करो, "घर" के "अन्दर" आते ही "पैर पकड़ कर माफ़ी मांगने" कि बात करने लगो, और अगला "वक़्त" आने पर "विचार" करने का "आश्वासन" दे दे बस "इतना" ही काफी है .... वैसे भी  "मोम" का "पुतला" अब सिर्फ "तुसाद" के "म्यूजियम" में ही नहीं "रालेगन" में भी "बनता" है !!! एनी वे "मौसम" बदल रहा है..."घना" "कोहरा" छाया है..."ठंढ" भी "बढ़" गयी है लेकिन इस बार "गर्मी" लाने के लिए "चौराहों" पर "अलाव" नहीं, "ड्राइंग-रूम" में "सनी लिओने" "उपस्थित" है ! "कमीने","रास्कल","डर्टी पिक्चर" "आज" के "दौर" का "सौन्दर्यशास्त्र" है ! अब "फूलों" कि "दुनिया" में "राधा-कृष्ण" कि "फूलों कि होली" भला "कोई" क्यों "देखेगा"...सुना है कि "यू.पी." के "चार" टुकड़े होने वाले है....ही ही ही जाने क्यों भाई साब एक "पुराना गानायाद रहा है...सुनाता हूँ ..मगर "संभल" कर "रिमिक्स वेर्जन" है.....अभी अभी किया है  ज़रा "गौर" से सुनियेगा....इस "दिल" के "टुकड़े" कई "थाउजेंट" हुए, वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा........वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा........वन "हिअर" गिरा,वन "देयर" गिरा.......  

Monday, November 7, 2011

.."हँसब ठठाई,फुलाउब गाला" ....

वो क्या है भाई साब, कि अपने "मन" में कभी "फेमस" होने का "ख्याल" ही नहीं आया वर्ना "आप" तो जानते ही है कि इस "मुल्क"  में  जिसके भी "दिमाग" कि "कोठरी" में "जीरो पावर" का भी "बल्ब" जल रहा है उसे "फेमस" होते ज़रा भी "देर" नहीं लगती है ! यू नो "इधर" एक "बयान" जारी करो फिर "तड" से उससे "पलट" जाओ "बोले" तो "खंडन" कर दो बाकी का "काम" "मीडिया" संभाल लेगी....अब  आप बेवजह "काटजू" बनने कि "कोशिश" मत करिए ! देखा नहीं "एक्सपर्ट एडवाइस" में अगले ने "एक करोड़" "मीडिया मैन" की ही "एडवाइस" से जीते थे ! ये और "बात" है कि "इटली आया नहीं-फ़्रांस है नहीं" कहते कहते "पाँच करोड़" भी झटक लिए थे ! भाई साब,ये "स्पाट फिक्सिंग" नहीं "किस्मत" है ! जहाँ "लड़ाई" में "भ्रस्टाचार" पीछे रह जाता है और "कांग्रेस" आगे हो जाती है ! जिसे "देखो" वही कह रहा है "दाग अच्छे  है " ! "गोस्वामी जी" ने कहा भी है "हँसब ठठाई,फुलाउब गाला" बोले तो "धरब मौनव्रत,लिखब ब्लागा"...! अच्छा छोडिये भाई साब,बेवजह "petrol" के "दाम" बढ़ने पर "तिलमिलाने" से "कुछ" नहीं होगा ! "सौ करोड़" भारतीयों को  "अनदेखा" करके "डेढ़ सौ करोड़" कि भी "फिल्म" बनाओगे तो "फ्लॉप" होगी ही,देर से ही "सही" मगर ये "पब्लिक" है "सब" जानती है ! वैसे "आपने" क्या सोचा था "ग्यारह दिन" "आत्ममंथन" इस पर होगा कि "हिसार" में "हारी"  तो "कांग्रेस",मगर "जीता" कौन ?  आप भी भाई साब ना, "हद" करते है,अभी "यू.पी." बाकी है, जहाँ "चौथे" से "तीसरे" स्थान  पर आने  की  "कोशिश" में जुटी "कांग्रेस" को हराने का "मुकुट" पहनना अभी "बाकी" है और हाँ, "डोंट पॉइंट आउट" जो "जीते" है "वो"  "कैसे" है... पहले  भी "बता" चुका हूँ  कि "दाग अच्छे है"! सुना नहीं "मौनव्रत" के बाद भी "राजघाट" पर "सुर" धमकी वाले  ही थे..आपकी कसम कभी-कभी तो "कन्फूज" हो जाता हूँ कि "लड़ाई" भ्रष्टाचार" के "खिलाफ" है  या "कांग्रेस"  के......एनी वे  "संसद" का "शीतकालीन सत्र " भले न आया हो मगर "आम हिन्दुस्तानी" कि "जिंदगी" में तो "आ" चुका है ! कम्बल,शाल,स्वेटर,मफलर के साथ "मूंगफली" "टूंगते" हुए "गुनगुनी" धुप में हमेशा "भूपेंद्र साहब" कि आवाज़ में "गुलज़ार" के बोल सुनते थे .."जाड़ों" कि "नर्म धूप" में...दिल "ढूंढता" है फिर वही.....मगर ना जाने क्यों इस बार "कहीं कुछ" "कोटला" के "स्टेडियम" जैसा "खाली-खाली" लग रहा है....वो स्वछ,शांत,निर्मल "उत्तर-पूर्व" कि "आवाज़" जो हमारी "पहचान" थी..आज भी "धडकनों" कि "ताल" पर "गूंज" रही है....और "उथल-पुथल" से भरे "माहौल" में कुछ "पलों" का ही सही मगर "सुकून" दे जाती है.....दिल हूम-हूम करे,घबराये.....गुनगुनाते रहिये.....           

Tuesday, November 1, 2011

कोई "दीवाना" कहता है,कोई "पागल" समझता है...

कसम "कांग्रेस महासचिव" की भाई साब, क्या "रफ़्तार" और "रोमांच" है इन दिनों,"बुद्धा इंटरनेशनल  सर्किट" फेल...देखिये ना "दीपावली" भले ही बीत गयी हो मगर "धूम-धडाका" अभी तक जारी है ! "श्रीलाल शुक्ल" जी भले "हम लोगों" के बीच ना हो मगर "राग-दरबारी" जारी है ! "अन्ना" "बाबा" के बाद "श्री श्री".... ए,बी,सी का नया "व्याकरण"  पढाया जा रहा है ! "कमल-दल" के "प्रकाश" पुंज ने तो "बात"  डी तक पहुंचा दी है..."डी" मतलब "डफर"..."डर्टी"...."कलयुग" के "कुरुक्षेत्र" में "कृष्ण" ने "मौन व्रत" धारण किया हुआ है,"अर्जुन" "गांडीव" लहराने के बाद "नौ लाख" चुकाने को तैयार हो गए है..पार्श्व में "गीत" गूँज रहा है ...कोई "दीवाना" कहता है,कोई "पागल" समझता है..और "जनता" बेचारी "हमेशा" की तरह "द्रोपदी" बनी "हतप्रभ" खड़ी है !अब आप इस पूरे "प्रकरण" में ज़रा सा भी ना "परेशान" होइएगा क्योंकि ये वो "मुल्क" है जहाँ "सड़क दुर्घटनाओं" में सबसे ज्यादा लोग "मरते" है,वहां वो "फार्मूला-वन" की "रेस" करा सकता है ! "रियासतें" भले ही चली गयीं हो मगर "पटौदी" में नए "नवाब" की "ताजपोशी" हो जाती है ! "तुसाद" के "संग्रहालय" में "बेबो" "मोम" की हो जाती है ! "जी-वन" की सबसे ख़ास "दोस्त" का पति "ट्विट" करता है कि "दीपावली" पर "डेढ़ करोड़" की "आतिशबाजी" "फुस्स" हो गयी....मगर कहा ना कि परेशान ना होइए "कोर-कमेटी" भंग नहीं होगी ! "बदलाव" नहीं "विस्तार" होगा ! बकौल शायर "हज़ार बरस नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है,तब जाकर होता है  चमन में दीदावर पैदा.... लेकिन आज के दौर में तो "नर्गिस" का मतलब "7 अरब" होना है ! एनी वे ....सुना है की "अन्ना" अपना "मौन व्रत" तोड़ेंगे  और देश के "कुमारों" में ""विश्वास" जगाने के लिए "यात्रा" करेंगे ! अब आप आम "हिन्दुस्तानी" की तरह फ़ौरन कहोगे की..."गाँधी" के "सपनो" वाला "राम-राज्य" लाना है तो अपनी टीम के सदस्यों के भीतर "सर्वगुण संपन्न" और "निष्कलंक" होने के "अहंकार" को मारना होगा वर्ना "गैर-राजनीतिक" संगठन होने का "दावा" करने वाले भी अगर हर "आरोप" को "चरित्र  हनन की साजिश"  जैसे "राजनीतिक" जुमले से "नकारने" की कोशिश करेंगे तो "भ्रष्टाचार" को ख़त्म करने का सपना ही टूटेगा ! "वक़्त" आ गया है की "मुल्क" को सिर्फ "हाकी" के 'मैदान" पर "झगडे"की "खबर" ही ना बताई जाये बल्कि "ये" भी "बताया" जाये की "राष्ट्र-मंडल" के "महासचिव" के लिए "भारत" के "कमलेश शर्मा" के "नाम" का "प्रस्ताव' "पाकिस्तान" ने किया था और वो पुनः "निर्वाचित" भी हो गए ...मगर "सवाल" फिर वही...बताएगा कौन.......बकौल बशीर बद्र...वही ताज है,वही तख़्त है,वही ज़हर है,वही जाम है ! ये वही खुदा की ज़मीं है ये वही बुतों का निजाम है ! मेरे चराग सरे आँधियों ने बुझा दिए, मगर एक जुगनू हवाओं में, अभी रौशनी का इमाम है !!!!! आमीन!!!!!!