Friday, December 31, 2010

                                                           हैप्पी न्यू इअर भाई साहब.......
हैप्पी न्यू इयर!!!!!!आपकी कसम भाई साहब जब भी ये जुमला सुनता हूँ  तो पूरे बदन में जितने सीसी खून है सब उबल कर" चिकन सूप" में तब्दील हो जाता है!अरे ज़माना कहाँ से कहाँ पहुच चुका है, "घाघरा" सिकुड़ कर" मिनी  स्कर्ट " में बदल चुका है और आप है की आज भी उसी जुमले के  पीछे पड़े है, जो हमारे परदादा, परदादी से पहली जनवरी की अलसुबह उठ कर भैसों को चारा खिलने के बहाने जोर से सुना के कहते और घूँघट के अन्दर से परदादी के चेहरे की ख़ुशी "पतीली" पर उबलती " दाल" की तरह बाहर तक "छलक" जाती!और फिर काहे का "न्यू इअर?"वही १० से ५ की नौकरी,"माँ"  की दवाई,मुन्नी की नयी" फ्राक",और राधा की" धोती" लेने के ही "जुगाड़" में जिंदगी का एक साल और "खर्च" हो जाता है!
ज़माना बदल चुका है भाई साहब,मुल्क ने तरक्की कर ली है!अब हम "लाइन" लगाने के बजाये  "ऑनलाइन "होने की कला सीख चुके है!२ जी स्पेक्ट्रम भले न जाने,मगर भाई लोग घोटाला करना सीख गए है!जिसका नाम "रा -दिया" है, वो "कितना" दे चुकी है अब मुल्क इसका हिसाब लगा रहा है!facebook वाली पीढ़ी "फेस टू फेस" मिलने का "सुख" भूल चुकी है!वैसे भी जाते हुए साल ने "प्याज़" के "आंसू" रुलाये है,आता हुआ साल "रणवीर" की तरह "मोह" रहा है मगर कल यही "अमरीश पूरी"  की तरह जब "आँख" दिखायेगा तो" "राजा" जैसे "सफाई"  देते फिरोगे१
एनी वे अब तक तो आप काफी "हैप्पी" हो चुके होंगे !भाई इतनी "बधएयाँ"ली दी गई है की, कमबख्त पूरा" नेटवर्क" ही "जाम" हो गया है,अभी तक "माफ़ी" मांग रहे है की, क्या करे ?"नेटवर्क" जाम था इसलिए आप को "बधाई" नहीं दे पाए१कसम "नार्को टेस्ट "की ,"मोबाइल" फ़ोन का प्रयोग "झूठ" बोलने के  लिए ज्यादा,"बातें" करने के लिए" कम" हो रहा है!बहरहाल  आम"हिन्दुस्तानी" के "मनहूस" चेहरों पर "चमक" लाने के लिए ये खबर ही काफी है की "सचिन" ने ५१ "शतक" बना लिए है!अब "आम आदमी" बेचारा "मीडिया" तो है नहीं जो "क्या पाया-क्या खोया"  की तरह "हिसाब" लगाएगा और अगर लगाएगा भी तो "जवाब" आएगा "शीला की जवानी और मुन्नी की बदनामी"!आप ही बताओ भाई साहब "बीते साल" आम आदमी को "और" भी "कुछ" मिला है क्या????/
अब "नया साल" लगा है तो आपको "हैप्पी" करना ही है!अब ये "अलग" बात है की जिसके पास पैसा है,ताकत है,कार है,ए.टी,एम् है, गर्लफ्रेंड है,होटल है,डांस है,उसका  तो "हर दिन"" नया साल" है और जिसके लिए "ये वाला" नया साल है,वो तो बस यही दुआएं मांग रहा है,काश इस साल सुबह बिजली रहे,नलों  में पानी आये,बच्चे एकाध बार माँ -बाप की इज्ज़त कर ले!टी वी पर से सास बहु की साजिश ख़त्म हो,सडको पर गड्ढे ना हो,घोटाले ना हो,बहुए ना जले,....और हाँ कोई विस्फोट इस साल ना हो.............चलिए छोड़िये इन मनहूस बातो को,नया साल आप सबके लिए शुभ हो!!!!!!

Saturday, August 28, 2010

भड़ास blog: भड़ास निकालने के लिए आपका स्वागत है!!!

भड़ास blog: भड़ास निकालने के लिए आपका स्वागत है!!!

अयोध्या











एक बार फिर से अयोध्या चर्चा में है,
 मुद्दा वही "मंदिर मस्जिद"वाला,
दुनिया भर के लोगो की नज़रे भले ही फैसले पैर लगी हो
 लेकिन आम अयोध्या फैजाबाद वासी बस बेफिक्री से अपनी रोज़ मर्रा की जिंदगी जीने में लगा है !
हाँ ,दिन भर में कही एक आधा बार ये ख्याल ज़रूर आ जाता है की 
शायद इस बार भी दुनिया हमारी मोहब्बत से फिर न कुछ सीख पाए .............
लेकिन फिर  हलके  से
 दिल के कही कोने में ये विश्वास सर उठाता  है  
की
इस बार दुनिया को  मोहब्बत का पाठ शायद यही से मिले.......आमीन !!!!!!!! 

हमारा मौन.....


हम अक्सर बेहद करीब होते है  
जब सुन लेते ही एक दूसरे की धड़कने 
महसूस कर लेते है भावनाए
अच्छा लगता है रहना एक साथ
लेकिन तभी
सच को स्वीकारने/ नकारने की प्रक्रिया में 
तलाशने लगते है हम शब्द 
शब्द,जो वाक्यों में परिवर्तित होकर
 और भी कर देते है हमें दूर, 
इसलिए सोचता हु,इस  बार ऐसी जगह मिले हम 
जहा हम हो, 
तुम हो,
और हो ,
हमारा मौन !!!