Sunday, October 2, 2011

ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ,सबको सम्मति दे भगवान् !!!!

 उस दिन "साबरमती" के किनारे "मुन्नाभाई" और "सर्किट" शांत बैठे थे ! तभी सर्किट बोला " भाई काहे को "इंग्लैंड" के दौरे से लौटी "लुटी-पिटी" टीम "इंडिया" की तरह मुहं लटकाए बैठेला है ! देख तो बाप "मुल्क" में चारो तरफ "रौनक" छायेली है ! "फार्मूला वन" की "रेस","चैम्पियंस लीग" में "चौके-छक्कों" की "बरसात","गरबा-डंडिया" की "धूम"  ! "गुजरात" से लेकर "रामलीला मैदान"  "उपवास" का ही बोलबाला है ! सच्ची बोलूं तो अपुन के लाइफ में फर्स्ट टाइम पब्लिक दो अक्टूबर के पहलेइश्च  "बापू" को "याद" कर रहेली है,तेरी तो निकल पड़ी रे मामू ....मुन्ना भाई भड़क गए " साले तेरे को "मस्तिष्क ज्वर" हो जाये और तेरा इलाज सरकारी अस्पताल में हो ! मनहूस कितनी बार बोला है की बेवजह "दिग्विजय" मत बना कर ! लम्बी-लम्बी फेकेंगा तो "सचिन" की तरह "जिंदगी" के "वन-डे" में तेरा भी "फार्मूला" "फेल" हो जायेगा ! अपुन का टेंशन इस बार "हाई इस्टैंडर्ड" का है !पता है सर्किट "गाँधी" के नाम में तो एक "जी" था लेकिन ये साला "2 जी" क्या बला है " नो आईडिया" ! सर्किट हंसा "भाई  "2 जी" बोले तो  अपनी "ऐश" को "जुड़वाँ" होने को है ना "सिंपल" ...वैसे एक बात बोलूं भाई, आप "बिग-बॉस" का सीजन 5 "सल्लू" के साथ "होस्ट" कर रहे हो इसलिए "ऐश" की बात भी नई करने का वर्ना आप तो ठहरे "सीधे-सादे", कल को "येश्च" लोग बोलेंगे आप "बापू" के नहीं "नेहरु" के "फलोवर" हो, काएको "गुलाब" बांटता है ना तू ! मुन्ना भाई "सीरीअस"हो गए ....ए सर्किट तू साला टेंशन हे देगा क्या रे ! अक्खा तेरी बात और "योजना आयोग का हलफनामा" एक बराबर ! कमबख्त इस मुल्क में "चुनाव" आते ही "जिले" बनने शुरू हो जाते है ! "मंदिर" के लिए "पत्थर" तराशे" जाने लगते है ! "रथयात्रा" पर "महाभारत" शुरू को जाती है ! "किताब" का नाम "कंट्रोवर्सियाली योर्स" है तो "बयान" भी ऐसा ही देने लगते है ! अपुन के "दिमाग" का तो "दही" बन "गयेला" है ! पता है सर्किट तेरे को "दो अक्टूबर" को ही अपने "शास्त्री जी"का भी जन्म हुआ था लेकिन यहाँ तो......बात काटते सर्किट बोला, हाँ भाई यहाँ तो लोग "रवि शास्त्री" को "ज्यादा" जानते है,पर "उनका" भी क्या "दोष" है, जिस मुल्क में "किसान" गरीबी से तंग आकर "आत्महत्या" कर रहे है और "जवान" कुंठित होकर "अपनी" ही गोलियां "कनपटी" पर "दाग" रहे हो वहां "जय जवान-जय किसान" का क्या मतलब...जानते है भाई, "मैट्रिक" में "फेल" होने के पहले "अपुन" ने "गलती" से "गेंहू और गुलाब" पढ़ लिया था ! आज तेरा "गुलाब" तो "गांधीगिरी" के "नाम" पर "चल" निकला है अभी "गेंहू" का कुछ करना होगा,साला "गरीब" लोगों से "दूर" होता जा रहा है...कहते-कहते सर्किट की "आवाज़" "भर्रा" गई और मुन्ना भाई की भी "आँख" "डबडबा" आई,तभी वहां "पांडू" हवालदार ने "डंडा" पटका...अबे ओ, "सारेगामापा" के "लिटिल चैम्पियन",चल-चल सरक ले इधर से वर्ना....मुन्ना भाई और सर्किट ने एक दूसरे को देखा,"पांडू" के "वर्दी" और "डंडे" का "रंग" एक था ...दोनों "ख़ामोशी" से "मौके" की "नजाकत" भांपकर वहां से "निकल"...बोले तो "सरक" लिए...दूर चमचमाती "रौशनी" में सारा मुल्क "डांडिया" की धुन पर "थिरक" रहा था ! "हाई-वोल्टेज" स्पीकर पर "रीमिक्स" गीत गूंज रहा था....रघुपति राघव राजा राम,पतित पावन सीता राम ! ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ,सबको सम्मति दे भगवान् !!!!                       


No comments:

Post a Comment